Friday, July 20, 2012

सज गई है जिस्म की मंडी?

ओलिंपिक गेम्स के लिए लंदन सजकर तैयार है। खिलाड़ियों के साथ-साथ दुनिया भर के खेल प्रेमी लंदन पहुंच रहे हैं। इस टूरिस्ट मेले का फायदा उठाने के लिए दुनिया भर के सेक्स वर्कर्स ने भी लंदन का रुख कर लिया है। सेक्स एजेंसियां (एस्कॉर्ट्स एजेंसियां) लंदन में लगे इस टूरिस्ट्स मेले का फायदा उठाने का कोई मौका नहीं चूकना चाहतीं। गौरतलब है कि पिछले कई सालों से ओलिंपिक और दूसरे स्पोर्ट्स इवेंट्स के दौरान शराब और शबाब में चलन में खासी बढ़ोतरी देखने को मिली है। सेक्स वर्कर्स मुहैया कराने वाली इन एजेंसियों ने टूरिस्ट्स को रिझाना भी शुरू कर दिया है। इसके लिए ये कई तरह के तिकड़म अपना रही हैं। बहुत सारी एजेंसियों ने ऐसे नाम अपना लिए हैं जो पहली ही नज़र में किसी का भी ध्यान अपनी तरफ खींच लें। कुछ एजेंसियां तो बकायदा पैकेज उपलब्ध करवा रही हैं। इन्होंने इसका नाम गोल्ड और सिल्वर पैकेज रखा है। हालांकि, पुलिस ने भी सेक्स ट्रैफिकिंग रोकने की पूरी तैयारी कर रखी है।

खास बात यह है कि तमाम सेक्स सर्विस मुहैया कराने वाली एजेंसियों ने अपने नाम और स्लोगन ऐसे रखे हैं, जो ओलिंपिक गेम्स स्पिरिट से मिलते-जुलते हैं। ओलिंपिक एस्कॉर्ट्स 2012 नाम की एक एजेंसी ने अपने विज्ञापन में लिखा है कि 'आइए और ओलिंपिक लंदन एस्कॉर्ट के साथ गोल्ड मेडल जीतिए'। हर एजेंसी अलग अंदाज में टूरिस्ट्स को टारगेट कर रही हैं। कुछ एजेंसियां एक की कीमत पर एक्स्ट्रा सेक्स वर्कर्स मुहैया कराने की बात कर रही हैं, तो कुछ इंडियन गर्ल्स का ऑफर दे रही हैं। ये एजेंसियां जमकर अपना प्रचार भी कर रही हैं। विज्ञापन के लिए पोस्टर्स से लेकर इंटरनेट तक का सहारा लिया जा रहा है। लंदन में बहुत से पेड फोन केबिन एस्कॉर्ट सर्विस एजेसियों के पोस्टरों से भरे पड़े हैं। वहीं कुछ एस्कॉर्ट्स एजेंसियों ने तो बाकायदा अपनी वेबसाइट्स भी तैयार की हैं।

जाहिर है, इस सब के लिए बड़े पैमाने पर सेक्स ट्रैफिकिंग की जा रही है। दुनिया भर से सेक्स वर्कर और एस्कॉर्ट्स भी लंदन पहुंच रही हैं। वहीं स्थानीय पुलिस का दावा है कि वह इस सब पर नज़र रखे हुए हैं। स्कॉटलैंड यार्ड के प्रवक्ता का कहना है कि इस बात का पहले से ही अंदेशा था कि गेम्स के दौरान लंदन में सेक्स वर्कर्स की तादाद बढ़ सकती है। ऐसे में 3 साल पहले ही ओलिंपिक के लिए एक खास टीम बनाई गई थी, जो गेम्स से जुड़ी सभी तरह की ट्रैफिकिंग पर नज़र बनाए हुए है, लेकिन लंदन के बाशिंदों का मानना है कि पुलिस सिर्फ लोकल सेक्स वर्कर्स को ही टारगेट कर रही है, जबकि इस पूरे खेल की कमान बड़े एजेंट्स और ऑर्गनाइज्ड गैंग्स के हाथों में हैं।

दरअसल पिछले कई सालों से ओलिंपिक और दूसरे स्पोर्ट्स इवेंट्स के दौरान शराब और शबाब में चलन में बढ़ोतरी देखी गई है। टूरिस्ट्स के अलावा इस पूरे खेल से खिलाड़ी भी अछूते नहीं रहे हैं। गौरतलब है कि एक पूर्व ऐथलीट ने अपनी किताब 'द सीक्रेट ऑफ ओलिंपियन' में कई सारे खुलासे किए थे। किताब में दावा किया गया है कि ओलिंपिक में शराब और कॉन्डम की भारी मांग रहती है। किताब में यह भी कहा गया है कि सिडनी ओलिंपिक के दौरान ऐथलीट्स को 70 हज़ार कॉन्डम दिए गए थे, लेकिन ये स्टॉक भी एक हफ्ते के अंदर ही खत्म हो गया था।

लंदन में प्रॉस्टिट्यूशन और सेक्स ट्रैफिकिंग को बढ़ावा देने वाले आराम से जिस्म का कारोबार चला रहे हैं। ईस्ट लंदन में स्ट्रैटफर्ड स्टेडियम के पास एस्कॉर्ट्स एजेंसियों की हलचल एकाएक बढ़ गई है। लंदन ओलिंपिक गेम्स के दौरान जहां दुनिया भर के खिलाड़ी 'गोल्ड मेडल' के लिए मेहनत कर रहे होंगे वहीं स्टेडियम से बाहर 'गोल्ड पैकेज' के लिए सौदेबाजी हो रही होगी।

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